The 2-Minute Rule for Neeraj Chopra Biography in Hindi

नीरज चोपड़ा की शिक्षा का सफर उनके खेल जीवन जितना ही प्रेरणादायक है। नीरज ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बीवीएन पब्लिक स्कूल, पानीपत से पूरी की। स्कूल के दिनों click here में ही उनका रुझान खेलों की ओर बढ़ा और उन्होंने अपनी खेल प्रतिभा को निखारना शुरू किया। 

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उनकी इस सफलता से खुश होकर भारतीय सेना ने उन्हें राजपुताना रेजिमेंट में बतौर कमिशंड ऑफिसर के तौर पर सेना में सूबेदार के पद पर नियुक्त किया। आर्मी में खिलाडियों को बमुश्किल ही नियुक्ति मिलती है परन्तु नीरज ऐसा करने में सफल हुए।

इनके परिवार में कुल पांच भाई बहन है जिनमें नीरज सबसे बड़े है। इनकी दो बहने भी है अपने छोटे भाई बहनों के अलावा गांव के कुछ अन्य लड़कों को अपने गांव में नीरज अक्सर जैवलिन थ्रो की ट्रेनिंग देते हैं।

ओलंपिक, विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक और डायमंड लीग ख़िताब अपने नाम करने के साथ, भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने बहुत कम उम्र में ही इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कर लिया है।

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प्रतियोगी को भाला फेंकने के समय उसे कंधे के ऊपर से फेंकना चाहिए ।

वह अपने गांव के वरिष्‍ठ थ्रोअर (जेवलिन थ्रो) को देखकर प्रेरित हुए थे।

नीरज चोपड़ा का खेल के मैदान से सेना के सूबेदार तक का सफ़र– 

नीरज चोपड़ा की वर्तमान में विश्व रैंकिंग जैवलिन थ्रो की कैटेगरी में चौथे स्थान पर है। इसके अलावा वे कई मैडल एवं पुरस्कार भी जीत चुके हैं।

नीरज ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पानीपत से ही की। अपनी प्रारंभिक पढ़ाई को पूरा करने के बाद नीरज चोपड़ा ने चंडीगढ़ में एक बीबीए कॉलेज ज्वाइन किया था और वहीं से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी।

2012an Indiako gazte mailako txapelduna izan zen eta 2014an eta 2015ean gazte mailako Indiako errekorrak hautsi zituen.

उनके अथिलीट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय सरकार के तरफ से उन्हें वशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है।

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